* मेंडेलिफ की आवर्त सारणी :
अपनी सारणी में तत्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक
गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
जब मेन्डेलीफ ने अपना कार्य आरंभ किया तब तक 63 तत्व ज्ञात थे।
उन्होंने तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों के बीच संबंधों का अध्ययन किया |
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में उर्ध्व स्तंभ को ‘ग्रुप’ (समूह) तथा क्षैतिज पंक्तियों को ‘पीरियड’ (आवर्त) कहते हैं |
* ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन के साथ बनने वाले यौगिक का चुनाव:
उन्होंने आॅक्सीजन एवं हाइड्रोजन का इसलिए चुनाव किया क्योंकि ये अत्यंत सक्रिय हैं तथा
अधिकांश तत्वों के साथ यौगिक बनाते हैं। तत्व से बनने वाले हाइड्राइड एवं आॅक्साइड के सूत्र को तत्वों के वर्गीकरण के लिए मूलभूत गुणधर्म माना गया।
* मेंडेलीफ़ की आवर्त सारणी का अवलोकन :
(i) अधिकांश तत्वों को आवर्त सारणी में स्थान मिल गया था |
(ii) अपने परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में ये तत्व व्यवस्थित हो गए।
(iii) यह भी देखा गया कि समान भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म वाले विभिन्न तत्व एक निश्चित अंतराल के बाद फिर आ जाते हैं।
मेंडेलीफ का आवर्त नियम अथवा मेंडेलीफ़ का आवर्त सिद्धांत:
मेंडेलीफ का आवर्त सारणी में तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होते है।
* मेंन्डेलीफ की आवर्त सारणी की उपलब्धियाॅ :
(i) सभी तत्वों का वर्गीकरण संभव हो सका ।
(ii) उन्होंनें आर्वत सारणी में तत्वों के द्रव्यमान को अपना आधार बनाया।
(iii) इस आर्वत सारणी में नयें तत्वों के लिए रिक्त स्थान छोडे गए जिन्हें बाद में खोज लिया गया ।
(iv) जब अक्रिय गैसों का पता चला तब पिछली व्यवस्था को छेड़े बिना ही इन्हें नए समूह में रखा जा सका।
* मेंडिलिफ की आर्वत सारणी की कमियाॅ :
(i) मेंडेलीफ की आर्वत सारणी में हाइड्रोजन को न्यायसंगत स्थान नहीं दिया गया है।
(ii) इस आर्वत सारणी में समस्थानिकों के लिए स्थान नहीं है।
अपनी सारणी में तत्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक
गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
जब मेन्डेलीफ ने अपना कार्य आरंभ किया तब तक 63 तत्व ज्ञात थे।
उन्होंने तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उनके भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मों के बीच संबंधों का अध्ययन किया |
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में उर्ध्व स्तंभ को ‘ग्रुप’ (समूह) तथा क्षैतिज पंक्तियों को ‘पीरियड’ (आवर्त) कहते हैं |
* ऑक्सीजन एवं हाइड्रोजन के साथ बनने वाले यौगिक का चुनाव:
उन्होंने आॅक्सीजन एवं हाइड्रोजन का इसलिए चुनाव किया क्योंकि ये अत्यंत सक्रिय हैं तथा
अधिकांश तत्वों के साथ यौगिक बनाते हैं। तत्व से बनने वाले हाइड्राइड एवं आॅक्साइड के सूत्र को तत्वों के वर्गीकरण के लिए मूलभूत गुणधर्म माना गया।
* मेंडेलीफ़ की आवर्त सारणी का अवलोकन :
(i) अधिकांश तत्वों को आवर्त सारणी में स्थान मिल गया था |
(ii) अपने परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में ये तत्व व्यवस्थित हो गए।
(iii) यह भी देखा गया कि समान भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म वाले विभिन्न तत्व एक निश्चित अंतराल के बाद फिर आ जाते हैं।
मेंडेलीफ का आवर्त नियम अथवा मेंडेलीफ़ का आवर्त सिद्धांत:
मेंडेलीफ का आवर्त सारणी में तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होते है।
* मेंन्डेलीफ की आवर्त सारणी की उपलब्धियाॅ :
(i) सभी तत्वों का वर्गीकरण संभव हो सका ।
(ii) उन्होंनें आर्वत सारणी में तत्वों के द्रव्यमान को अपना आधार बनाया।
(iii) इस आर्वत सारणी में नयें तत्वों के लिए रिक्त स्थान छोडे गए जिन्हें बाद में खोज लिया गया ।
(iv) जब अक्रिय गैसों का पता चला तब पिछली व्यवस्था को छेड़े बिना ही इन्हें नए समूह में रखा जा सका।
* मेंडिलिफ की आर्वत सारणी की कमियाॅ :
(i) मेंडेलीफ की आर्वत सारणी में हाइड्रोजन को न्यायसंगत स्थान नहीं दिया गया है।
(ii) इस आर्वत सारणी में समस्थानिकों के लिए स्थान नहीं है।
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