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Sunday, 23 October 2016

* अधातु

* अधातु

सामान्यः अधातुएं विधुत व उष्मा की कुचालक, अतन्य होती हैं। ये धातुओं कि तरह कठोर न हो कर भंगुर होती हैं। सामान्यः आधातवध्र्य नहीं होती। तथा इनका गलनांक धातुओं से अपेक्षाकृत कम होता है।

प्रमुख अधातु निम्न है -

1. आक्सीजन O2

यह रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन गैंस है।जल में अल्प विलय है। प्रकृति में आॅक्सीजन मुक्त अवस्था में वायु में 20 प्रतिशत होती है। संयुक्त अवस्था में सल्फेट, कार्बोनेट आक्साइड आदि के यौगिकों के रूप में पाई जाती है। जल में 88 प्रतिशत आक्सीजन उपस्थित है।

उपयोग

• संजीवों के श्वसन क्रिया में

• रोगीयों के कृत्रिम श्वसन में हिलियम के साथ।

• द्रव आक्सीजन राकेटों में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होती है।

• वेल्डिंग में ऐसीटिलीन के साथ प्रयोग किया जाता है।

2. नाइट्रोजन H2

यह भी आक्सीजन की तरह रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन है। यह जल में बहुत कम घुलती है। यह वायु से हल्की तथा अक्रिय गैंस है। यह वायु में मुक्त रूप में पायी जाती है। वायुमण्डल में आयतन की दृष्टि से 80 प्रतिशत नाइट्रोजन है। संयुक्त अवस्था में यह अमोनिया तथा अमोनियम लवणों में पाई जाती है।

उपयोग

• अक्रिय होने के कारण विधुत बल्बों में।

• द्रवित नाइट्रोजन का उपयोग प्रशीतन कार्यो में।

• ऊंचे तापमान मापने वाले थर्मामिटरों में।

• कृत्रिम खाद बनाने में।

• नाइट्रिक अम्ल, अमोनिया के निर्माण में।

3. हाइड्रोजन N2

यह गैंस भी रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन है। यह वायु से हल्की है। तथा ज्वलनशील है। यह मुक्त अवस्था में अल्प मात्रा में वायुमण्डल में पायी जाती है। संयुक्त अवस्था में यह जल, अम्ल, क्षार, पैट्रोलिय, तेल, वसा आदि में पाई जाती है।

ब्रह्माण्ड में(पृथ्वी पर नहीं) यह सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्व है। तारों तथा सुर्य का अधिकांश द्रव्यमान हाइड्रोजन का बना है।

उपयोग

• गुब्बारे भरने में।

• राकेटों में ईंधन के रूप में द्रव हाइड्रोजन का उपयोग किया जाता है।

• वनस्पति घी के उत्पादन में।

• कोयले से कृत्रिम पेट्रोल बनाने में।

• आॅक्सी-हाइड्रोजन ज्वाला का उपयोग वेल्डिंग में।

4. क्लोरिनCl2

यह हल्के हरे-पीले रंग की अति तीक्ष्ण गंध वाली गैंस है।यह विषेली गैंस है। वायु से भारी तथा जल में अघुलनशील है।तथा स्वयं न जलकर जलाने में सहायक है। यह अत्यधिक क्रियाशील गैंस है अतः यह मुक्त अवस्था में नहीं पायी जाती। संयुक्त अवस्था में यह साधारण नमक(NaCl), पौटेशियम क्लोराइड(KCl), मैग्नीशियम क्लोराइड(MgCl) के यौगिक के रूप में पायी जाती है।

उपयोग

• पीने के पानी को जीवाणु रहीत करने में।

• क्लोरोफार्म, डी.डी.टी., HCl के निर्माण में।

• कागज व कपड़ा उद्योग में विरंजक के रूप में।

5. फास्फोरस(P)

यह शुद्ध अवस्था में सफेद रंग का नर्म पदार्थ है। जो धीरे-धीरे पीला पड़ जाता है। इसमें लहसुन जैसी गंध आती है। यह जल में अविलेय तथा अत्यधिक क्रियाशील होने के कारण वायु में स्वतः ही जल उठता है। इसलिए इसे जल में रखा जाता है।

यह मुक्त अवस्था में नहीं पाया जाता। संयुक्त अवस्था में फास्फेट के रूप में पाया जाता है।

उपयोग

• दिया सलाई बनाने में।

• धुएं के बादल बनाने में।

• आतिशबाजी आदि में।

• कैल्सियम फाॅस्फाइड के रूप में फास्फोरस चुहों के लिए विष का कार्य करता है।

6. गंधक(S)

बहुत प्राचिन समय से ज्ञात तत्व औषधीयों एवं युद्धों में प्रयुक्त होता था। यह हल्के पिले रंग का स्वादहिन, गंध रहित ठोस पदार्थ है जो जल में अविलेय है।

यह मुक्त अवस्था में ज्वालामुखी, झरनों के निकटवर्ती स्थानों में पाया जाता है। संयुक्त रूप में, सल्फाइड, व सल्फेट के रूप में पाया जाताहै।

उपयोग

• चर्म रोग एवं रक्त शोधन औषधि के रूप में।

• कीटनाशी के रूप में।

• बारूद एवं दिया सलाई उद्योग में।

• रबर के वल्कनीकरण में।
धातू तथा अधातू का पूरा chapter पडे

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