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Thursday 28 April 2016

गुरु पर्वत के सामान्य लक्षण

गुरु पर्वत के सामान्य लक्षण

तर्जनी के आधार पर स्थित पर्वत गुरु के पर्वत के रूप में जाना जाता है। यह व्यक्ति मे नेतृत्व, वर्चस्व, अधिकार, गर्व, आत्म-प्रशंसा और सम्मान की हद तक का प्रतिनिधित्व करता है। विकसित गुरु पर्वत व्यक्ति को शासन का नेतृत्व करने वाला तथा संगठित करने एवं असामान्य विचार पर काम करने की इच्छा को दर्शाता है लेकिन, यह अच्छे गुण केवल तभी कार्यान्वित हो सकते हैं यदि मस्तिष्क रेखा लंबी और स्पष्ट हो।

गुरु पर्वत की ऊंचाई | Elevation of the Guru Parvat

विकसित गुरु पर्वत व्यक्ति को महत्वाकांक्षी बनाता है। यह लोग धन से अधिक अपने ओहदे को महत्व देते हैं। ऐसे लोग अच्छे सलाहकार होते हैं। यह लोग कानून के दायरे मे रह कर कार्य करते हैं। ऐसे लोग अनेक तरह के व्यंजन खाने के शौकीन होते हैं और अपने परिवार से मोह करते हैं।
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अधिक विकसित गुरु पर्वत व्यक्ति को अहंकारी, दिखावटी, क्रूर और इर्ष्यालु बनाता है। ऐसे लोग अधिक खर्चीले होते हैं।
यदि गुरु पर्वत अर्धविकसित हो तो व्यक्ति में गुरु संबंधित बुनियादी प्रवृत्ति विकसित नही होती है।

गुरु पर्वत से संबंधित उंगलियां | Finger Related to Guru Parvat

गुरु की उंगली तर्जनी उंगली होती है। यदि तर्जनी उंगली सामान्य से अधिक लंबी हो, तो व्यक्ति में लापरवाही और तानाशाही बढ़ जाती है। जब यह छोटी हो तो व्यक्ति मे ये विशेषताएँ लुप्त होती हैं। यदि यह उंगली विकृत है तो व्यक्ति चालाक, स्वार्थी और  पाखंडी होता है।
जब तर्जनी उंगली का पहला खंड लंबा हो तो व्यक्ति राजनीति, धर्म, और शिक्षण क्षेत्रों में कुशल होते हैं। यदि उंगली का दूसरा खंड लंबा हो तो व्यक्ति व्यापारी होता है और उंगली का तीसरा खंड लंबा हो तो ऐसे व्यक्ति विभिन्न प्रकार के व्यंजन के शौकीन होते हैं।

गुरु पर्वत का शीर्ष | Apex of Guru Parvat

गुरु पर्वत के बिंदु पर जब चारों ओर से रेखाएं जुड़ती हैं तो उसे शिखर रुप मे जाना जाता है। यदि यह शिखर गुरु पर्वत के केंद्र मे हो तो व्यक्ति गुरु संबंधित गुणों को बनाए रखता है। यदि यह शिखर शनि पर्वत की ओर  झुका हो तो व्यक्ति अनुशासित, गंभीर, उदास और उपेक्षित होगा। जब यह शिखर हृदय रेखा के पास स्थित हो तो व्यक्ति अपने परिवार के लिये कार्य करेगा। जब यह शिखर मस्तिष्क रेखा के पास स्थित हो तो व्यक्ति बौद्धिक गतिविधियों में शामिल किया जाएगा ।
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मंगल पर्वत की सामान्य विशेषताएँ

मंगल पर्वत की सामान्य विशेषताएँ

हथेली में मंगल पर्वत दो स्थानों पर स्थित है। पहला, यह जीवन रेखा के ऊपरी स्थान के नीचे स्थित है,और दूसरा उसके विपरीत हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच मे स्थित है। पहला स्थान व्यक्ति मे शारीरिक विशेषताओं को और दूसरा मानसिक विशेषताओं को दर्शाता है। यह व्यक्ति मे निर्भयता, साहस, उद्दंडता, क्रोध, उत्साह, बहादुरी और वीरता की हद को दर्शाता है। ऐसे लोग अपने उद्देश्यों के प्रति दृढ़ संकल्प रहते हैं। आमतौर पर यह नेक दिल और उदार होते हैं लेकिन यह अप्रत्याशित और आवेगी भी होते हैं। इनका सबसे बड़ा दोष इनमें आवेग और आत्म नियंत्रण की कमी है। मस्तिष्क रेखा लंबी होने के बावजूद यह सभी प्रकार की कठिनाइयों और ख़तरों का सामना करते हैं।
लोग ऐसे व्यक्तियों कि आलोचना उनके क्रोध और विचारों में कट्टरवादी होने के कारण करते हैं। ऐसे व्यक्तियों को आत्म -नियंत्रण का अभ्यास  करना चाहिये  और सभी प्रकार की मदिरा और उत्तेजक पदार्थो  से दूर रहना चाहिए।

उन्नत मंगल पर्वत | Elevation of Mangal Parvat

विकसित मंगल पर्वत, व्यक्ति को अत्यंत प्रभावशाली बनाता है और जल्दबाजी में निर्णय लेने वाला बनाता है। ऐसे लोग प्रत्येक कार्य को जल्दी मे करते हैं और आक्रामक स्वभाव वाले होते हैं। अक्सर अंत मे चीजें तोड़ते हैं। ऐसे व्यक्ति बहुत साहसी होते हैं और शत्रु की बड़ी संख्या होने पर भी यह नही डरते। मंगल ग्रह अगर विकसित हो तो  लोग अक्सर आर्मी या सशस्त्र बल के साथ जुड़े होते हैं।
यदि मंगल पर्वत अधिक विकसित है तो व्यक्ति मे मंगल संबंधित विशेषताएँ बढ़ती हैं। ऐसे लोग अत्यंत शक्तिशाली बन जाते हैं और अपनी शक्ति के द्वारा वह कमजोरों का शोषण करते हैं। अक्सर ऐसे लोग समाज विरोधी गतिविधियों जैसे चोरी, डकैती, लूट आदि मे शामिल होकर अत्यंत क्रूर बन जाते हैं।
कम विकसित मंगल पर्वत व्यक्ति को कायर बनाता है। लेकिन वह बहादुर  होने का दावा करता है।  जब अवसर की मांग और समय आता है, तो वह अपने कदम वापस ले लेता है।

मंगल पर्वत का शीर्ष | Apex of Mangal Parvat

यदि मंगल पर्वत का उन्नयन शुक्र पर्वत की ओर स्थित है, तो व्यक्ति प्यार में उत्साही होता है और जब वह गुरु पर्वत की ओर झुका हो तो यह प्रतिनिधित्व करता है कि व्यक्ति अपने जन्म से ही अनुशासित होगा। यदि इसका उन्नयन अँगूठे के पास शीर्ष पर उपस्थिति हो तो अर्थ है कि व्यक्ति अपनी इच्छाओं को पूरा करने की ओर प्रेरित रहेगा और हठी भी होगा। जब उन्नयन हृदय रेखा की ओर झुकाव लिये हो तो व्यक्ति भावनाओं मे कभी नही बहेगा। यदि उन्नयन चंद्र पर्वत के पास स्थित हो तो व्यक्ति रचनात्मक मस्तिष्क और चुंबकीय व्यक्तित्व वाला होता है।
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शनि पर्वत के सामान्य लक्षण

शनि पर्वत के सामान्य लक्षण

शनि पर्वत, मध्यमा उँगली के आधार पर स्थित होता है। यह एकांत प्रिय, विवेकी, मूक दृढ़ संकल्प, गूढ विध्या की ओर झुकाव, नियतिवाद और अंत में भाग्य मे परम विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है। विकसित शनि पर्वत व्यक्ति को ज्ञान की खोज का विश्लेषक बनाता है।

शनि पर्वत का विकास | Elevation of Shani Parvat

पूर्ण विकसित शनि पर्वत व्यक्ति को दार्शनिक बनाता है, और व्यक्ति सदैव जीवन और मृत्यु के विषय पर चिंतित रहता है। उसे सभी सांसारिक बातें व्यर्थ लगती हैं। ऐसे लोग मेहनती होते हैं। परन्तु अवसाद में जल्दी घिर जाते हैं। ये लोग कानून के अच्छे अनुयायी और अंतर्मुखी होते हैं। ऐसे लोगों का व्यवसाय मशीनरी उत्पादक या मूर्तिकार से संबंधित होता है।
एक हाथ पर अति विकसित शनि पर्वत अशुभ माना जाता है। अति विकसित शनि पर्वत व्यक्ति को सदैव  आतंक से त्रस्त, दुखी, मृत्यु पर चिंतित, लालच, अविश्वासी और जीवन के प्रति उत्साह में कमी को दर्शाता है।
एक हाथ पर अविकसित शनि पर्वत व्यक्ति को विचारशील और मेहनती बनाता है लेकिन वह सदैव जोखिम कार्य से दूर रहता है। वह कम वेतन में संतुष्ट रहेगा और जब तक कि उसे कोई जोखिम लेने की जरूरत नही पड़ती, वह नही लेता है।

शनि की उंगली | Finger of Shani

मध्यमा उंगली को शनि की उंगली कहते है। यदि शनि की उंगली का प्रथम खंड लंबा हो तो व्यक्ति का झुकाव धार्मिक ग्रंथ और रहस्यवादी कला के अध्ययन की ओर होता है। यदि मध्यमा का द्वितीय खंड लंबा हो तो व्यक्ति का व्यवसाय संपत्ति संबंधी, रसायन, जीवाश्म ईंधन या लोहा मशीनरी से संबंधित होता है, जब तीसरा खंड लंबा हो तो दर्शाता है कि व्यक्ति चालाक, स्वार्थी  और दुराचार मे युक्त रहता है।

शनि पर्वत का शीर्ष | Apex of Shani Parvat


यदि शनि का शिखर शनि के पर्वत पर स्थित हो, तो व्यक्ति विचारशील, दूरदर्शी और बुद्धिमान होता है। जब यह मध्यमा उँगली की ओर झुका हो, तो व्यक्ति गूढ कला में गहरी रुचि रखता है। यदि इसका शिखर सूर्य पर्वत की दिशा में थोड़ा बदलाव लिये हो तो व्यक्ति किसी के द्वारा व्यक्त राय से कभी सहमत नही होगा।  जब इसका शिखर हृदय रेखा की ओर हो तो व्यक्ति आत्म केन्द्रित हो जाता है। ऐसे व्यक्ति अंतर्मुखी होते हैं तथा भीड़ से दूर रहते हैं।
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चंद्रमा पर्वत के सामान्य लक्षण

चंद्रमा पर्वत के सामान्य लक्षण

चंद्र पर्वत, अंगूठे के सामने हथेली के आधार पर स्थित होता है। यह पर्वत एक मजबूत कल्पना शक्ति को दर्शाता है। यह लोगों में भावनात्मक या कलात्मक और सौंदर्य, रोमांस, रचनात्मकता, आदर्शवाद आदि को प्रदर्शित करता है। पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को कला प्रेमी बनाता है ऐसे लोग कलाकार, संगीतकार, लेखक बनते हैं।
ऐसे व्यक्ति मजबूत कल्पना शक्ति के गुणी होते हैं। यह लोग अति रुमानी होते हैं लेकिन अपनी इच्छाओं के प्रति  आदर्शवादी होते हैं। शुक्र पर्वत की तरह इनमें भावुकता या कामुकता वाला स्वभाव नही होता है।

चन्द्र पर्वत का विकास | Elevation of Chandra Parvat

पूर्ण विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को भावनाओं मे बहने वाला और किसी को उदास न देखने वाला होता है। प्रायः यह लोग वास्तविकता से परे कल्पनाप्रधान और अच्छे लेखक और कलाकार होते हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों में ऐसे लोग उन्मादी और तर्कहीन व्यवहार करते हैं। इसके अतिरिक्त ये निर्णय लेने मे अधिक समय लेने वाले और अत्यधिक महत्वाकांक्षी होते हैं।
अति विकसित चंद्र पर्वत व्यक्ति को आलसी और सनकी बनाता है। ऐसे व्यक्ति कल्पना से पूर्ण और वास्तविकता से दूर रहते हैं। कभी कभी, यह एक हल्के रूप में विकसित हो कर एक प्रकार का पागलपन भी हो सकता है।
यदि चंद्र पर्वत अविकसित है, तो व्यक्ति मे अच्छी कल्पना का अभाव, दूरदर्शिता का अभाव, नए और  रचनात्मक विचारों का अभाव रहता है, यह लोग क्रूर और स्वार्थी होते हैं।

चन्द्र पर्वत का शीर्ष | Apex of Chandra Parvat

यदि चंद्र पर्वत का शिखर अंगूठे के आधार की ओर स्थित है तो व्यक्ति अपने  उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दृढ संकल्पी होता है। जब इसके शिखर का झुकाव शुक्र पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति का झुकाव संगीत, कला, रंगमंच की ओर होता है। जब यह मणिबंध की ओर झुका हो तो व्यक्ति की रुचि यात्राओं की ओर रहती है लेकिन उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।

राहु और केतु के पर्वत | Rahu and Ketu Parvat

एक हथेली में इन दोनों ग्रहों के पर्वत की स्थिति विवादास्पद है, प्राचीन हस्तरेखा शास्त्र ने इन  ग्रहों के पर्वत के विषय े में अधिक विवरण नहीं दिया है। राहु वर्तमान परिस्थितियों का जबकि केतु अतीत की घटनाओं के लिए हमारे प्रतिक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करता है। राहु पर्वत मस्तिष्क रेखा और मंगल पर्वत के नीचे स्थित होता है,  और इसके विपरीत केतु चंद्र पर्वत और शुक्र पर्वत के मध्य स्थित होता है।
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शुक्र पर्वत के सामान्य लक्षण

शुक्र पर्वत के सामान्य लक्षण

हथेली पर अंगूठे के आधार पर स्थित पर्वत, शुक्र पर्वत कहलाता है। यह अनुग्रह, आकर्षण, वासना और सौंदर्य की उपस्थिति या अनुपस्थिति को दर्शाता है। यह  प्रेम और साहचर्य  की इच्छा और सौंदर्य की  हर रूप में पूजा करने को भी दर्शाता है। अति विकसित शुक्र पर्वत लोगो को सुन्दर और विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षित करता है।
विशिष्ट शुक्र पर्वत वाले व्यक्ति को सौंदर्य बोध और सौंदर्य शास्त्र का ज्ञान होता है। यह लोग सौंदर्य की खोज मे प्रसन्नता से जीवन जीते हैं। यद्यपि बुरे समय मे भी ऐसे व्यक्ति दयालु, सहानुभूति और उदार होते हैं। यह  लोग क्षमाशील प्रकृति एवं प्रेम से युक्त और कामुकता के लिये प्रेरित रहते हैं ।
ये लोग मेहमाननवाज और उदार होते हैं और अपने मित्रों का मनोरंजन करना पसंद करते है। यह अच्छी पोशाकों के साथ अच्छे स्वाद की पसंद और नापसंद को भी खुल कर दर्शाते है। यह स्पष्टवादी होते हैं और क्रोध में आवेगी भी हो जाते हैं।

शुक्र पर्वत की ऊँचाई | Elevation of Shukra Parvat

हाथ पर विकसित शुक्र पर्वत उत्कृष्ट संकेत है कि व्यक्ति चुंबकीय व्यक्तित्व का होगा। और यह विपरीत सेक्स के बीच लोकप्रिय होते हैं। ऐसे लोगों में जिज्ञासु  शक्ति हावी होती है लेकिन जब यह  किसी से प्यार करते हैं तो उनकी गुलामी भी कर सकते हैं।
हाथ पर अति विकसित शुक्र पर्वत व्यक्ति मे इन्द्रिय सुख को बढाता है। ऐसे लोग प्रेम संबंधों में स्वार्थी होते हैं और सदैव शारीरिक सुख की इच्छा रखते हैं।
कम विकसित शुक्र पर्वत व्यक्ति मे सौंदर्य की भावना की कमी को दर्शाता है। ऐसे लोग सुस्त और कठोर हो जाते है। वह कोई भावना से प्रभावित नही होते हैं।

शुक्र पर्वत का शीर्ष | Apex of Shukra Parvat

शुक्र पर्वत के शिखर के झुकाव के लक्षण चंद्र पर्वत के समान हैं। यदि पर्वत के शिखर का झुकाव अंगूठे की ओर हो तो व्यक्ति अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये अग्रसर रहता है। जब इसके शिखर का झुकाव शुक्र पर्वत की ओर हो तो व्यक्ति को संगीत, कला, रंगमंच मे झुकाव रहता है। यदि इसकी उपस्थित मणिबंध की ओर हो तो व्यक्ति को यात्राओं का शौकीन होता है परन्तु उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं  का सामना करना पड़ सकता है।
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