* गोलीय लेंसों द्वारा अपवर्तन
लेंस (Lens) : दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम जिसका एक या दोनों पृष्ठ गोलीय है, लेंस कहलाता है |
उत्तल लेंस (Convex Lens) : वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठों का उभार बाहर की ओर हो उसे उत्तल लेंस कहते हैं | इस लेंस को अभिसारी लेंस भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अभिसरित कर देता है |
* उत्तल लेंस (Convex Lens)
अवतल लेंस (Concave Lens) : वह लेंस जिसके दोनों बाहरी गोलीय पृष्ठ अंदर की ओर वक्रित हो उसे अवतल लेंस कहते हैं | इस लेंस को अपसारी लेंस भी कहते हैं क्योंकि यह अपने से गुजरने वाले प्रकाश किरणों को अपसरित कर देता है |
* अवतल लेंस (Concave Lens)
वक्रता केंद्र (Centre of curvature) : सभी गोलीय लेंस के प्रत्येक पृष्ठ एक गोले के भाग होते हैं | इन गोलों के केंद्र को लेंस का वक्रता केंद्र कहते है | इसे C1 तथा C2 से दर्शाते हैं |
मुख्य अक्ष (Principle Axis) : मुख्य अक्ष किसी लेंस के दोनों वक्रता केन्द्रों से गुजरने वाली एक काल्पनिक सीधी रेखा लेंस की मुख्य अक्ष कहलाती है।
प्रकाशिक केंद्र (Optic Centre) : लेंस का केन्द्रीय बिंदु इसका प्रकाशिक केंद्र कहलाता है। इसे प्रायः अक्षर O से निरूपित करते हैं।
लेंस के प्रकाशिक केंद्र से गुजरने वाली प्रकाश किरण बिना किसी विचलन के निर्गत होती है।
द्वारक (Aperture) : गोलीय लेंस की वृत्ताकार रूपरेखा का प्रभावी व्यास इसका द्वारक (aperture) कहलाता है।
पतले लेंस : ऐसे लेंस जिनका द्वारक इनकी वक्रता त्रिज्या से बहुत छोटा है। ऐसे लेंस छोटे द्वारक के पतले लेंस कहलाते हैं।
उत्तल लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) : उत्तल के पर मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की बहुत सी किरणें आपतित हैं। ये किरणें लेंस से अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष पर एक बिंदु पर अभिसरित हो जाती हैं। मुख्य अक्ष पर यह बिंदु लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) कहलाता है।
अवतल लेंस का मुख्य फोकस (Principle Focus) : अवतल लेंस पर मुख्य अक्ष के समांतर प्रकाश की अनेक किरणें आपतित होती हैं। ये किरणें लेंस से अपवर्तन के पश्चात मुख्य अक्ष के एक बिंदु से अपसरित होती प्रतीत होती हैं। मुख्य अक्ष पर यह बिंदु अवतल लेंस का मुख्य फोकस कहलाता है।
लेंस का फोकस दुरी (Focal Distance) :
किसी लेंस के मुख्य फोकस की प्रकाशिक केन्द्र से दूरी फोकस दूरी कहलाती है।
* गोलीय लेंसों के लिए चिन्ह-परिपाटी :
(i) गोलीय लेंसों में सभी दूरियाँ प्रकाशिक केन्द्रों (optic centre) से मापी जाती है |
(ii) उत्तल लेंस की फोकस दुरी धनात्मक (+) होती हैं |
(iii) अवतल लेंस की फोकस दुरी ऋणात्मक (-) होती हैं |
(iv) जिस ओर से प्रकाश लेंस में प्रवेश करता है उस भाग को ऋणात्मक माना जाता है | चाहे वो उत्तल लेंस हो या अवतल लेंस हो | अर्थात जिधर हम बिंब (object) को रखते है वो भाग ऋणात्मक होता है |
(v) लेंस में सभी वास्तविक एवं उल्टा प्रतिबिंब को धनात्मक लेते हैं | और आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब को ऋणात्मक लेते है |
(vi) वास्तविक एवं उल्टा प्रतिबिंब लेंस के धनात्मक भाग में बनते हैं और आभासी एवं सीधा प्रतिबिंब लेंस के ऋणात्मक भाग में बनते है |
(vii) बिंब की ऊंचाई (h) सीधा होता है इसलिए इसे धनात्मक (+) लेते हैं | प्रतिबिंब सीधा है तो आभासी और सीधा यदि प्रतिबिंब (h') उल्टा हो तो वास्तविक और उल्टा इसे ऋणात्मक (-) लेते है |
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