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Wednesday 20 April 2016

kon sa hath batata hai bhavisya, kis hath me chhupa hai bhavisya

कौन सा हाथ बताता है भविष्य, किस हाथ में छुपा है भविष्य

यद्यपि इस बात पर बहस होती रही है कि कौन सा हाथ पढऩा बेहतर है, पर दोनों का अपना महत्व है। यह माना जाता है कि बांया हाथ व्यक्ति की संभावनाओं को प्रदर्शित करता है, और दाहिना सही व्यक्तित्व का प्रदर्शक होता है।

 कुछ विद्वानों का कहना है कि महत्व इस बात का है कि कौन सा हाथ देखा जाता है। दाहिने हाथ से भविष्य और बाएं से अतीत देखा जाता है। बायां हाथ बताता है कि हम क्या-क्या लेकर पैदा हुए हैं और दाहिना दिखाता है कि हमने इसे क्या बनाया है।

 दाहिना हाथ पुरुषों का पढ़ा जाता है, जबकि महिलाओं का बायां हाथ पढ़ा जाता है। बांया हाथ बताता है कि ईश्वर ने आपको क्या दिया है, और दायां बताता है कि आपको इस संबंध में क्या करना है।
बायां हाथ दाहिने मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित किया जाता है।

 (नमूने की पहचान, संबंधों की समझ-बूझ) जिससे व्यक्ति की आंतरिक खासियतों, उसकी प्रकृति, आत्म, स्त्रैण गुण, और समस्याओं के निदान का प्रतिबिंबित होता है।


इसके विपरीत दाहिना हाथ बांए मस्तिष्क (तर्क, बुद्धि और भाषा) द्वारा नियंत्रित होता है, जो बाहरी व्यक्तित्व, आत्म उद्देश्य, सामाजिक माहौल का प्रभाव, शिक्षा और अनुभव को प्रतिबिंबित करता है।
एक हस्तरेखाविद् आमतौर पर व्यक्ति के 'प्रमुख हाथ से किस्मत पता कर सकते हैं। जिससे वह लिखता है/लिखती है या जिसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। 


मनुष्य जो कभी-कभी सचेत मन का प्रतिनिधित्व करता है और दूसरा हाथ अवचेतन का संकेत करता है। हस्तरेखा विज्ञान की कुछ परंपराओं में दूसरे हाथ को वंशानुगत या परिवार के लक्षणों को धारण किया हुआ माना जाता है।

 जिससे अतीत के जीवन या पूर्व जन्म की जानकारी मिलती है। वैसे कुछ विद्वान पुरूषों का दायां हाथ और महीलाओं का बायां हाथ देखा जाता है।

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