-->

Recent Posts

Saturday 23 April 2016

आपके हाथों में निवास स्थान

आपके हाथों में निवास स्थान

आपके हाथों में निवास स्थान डॉ. भगवान सहाय श्रीवास्तव अंगूठा छोटा और कम खुलने वाला हो, अंगुलियां टेढ़ी-मेढ़ी हों तो ऐसे व्यक्ति का निवास स्थान गंदी जगह पर होता है। जीवन रखाो और मस्तिष्क रखाो दानोें ही दोषपूर्ण हा,ें अंगुलियां माटेी हों और अंगूठा कम खुलता हो तो इनके घर के पास गंदगी होती है और पड़ोसी भी अच्छे नहीं होते है।

 हाथ पतला, काला, कठोर, ऊबड़- खाबड ़ हो, अगूंठा छाटो आरै अंगुलियां मोटी हों तो ऐसे व्यक्तियों का निवास स्थान गंदी जगह पर होता है, रहने की जगह तंग-गली में होती है और पड़ौसी अच्छे नहीं होते। जीवन रखाो और मस्तिष्क रखाो दानोें ही मोटी हों तो निवास स्थान के पास जानवरों के बाडे ़ के कारण गंदगी हातेी है। यदि जीवन रेखा गोलाकार हो और उसमें त्रिभुज भी हो तथा मस्तिष्क रेखा शाखान्वित हो, हाथ कोमल हो तो मकान सुंदर व बड़े आकार का होता है।

 यदि साधारण मस्तिष्क रेखा मंगल या चंद्रमा पर जाती हो तो ये पैतृक घर में ही निवास करते हैं। यदि मस्तिष्क रेखा शाखान्वित हो तो पहले पैतृक घर में, फिर दूसरे घर में निवास करते हैं। मस्तिष्क रेखा दोनों हाथों में द्विशाखाकार हो तो मकान या संपत्ति की संखया अधिक होती है। यदि मस्तिष्क रेखा अंत में द्विशाखाकार हो, सूर्य और बृहस्पति की अंगुलियां तिरछी हों तो मकान का दरवाजा आबादी की ओर होता है।

 यदि मस्तिष्क रखाो अतं में द्विशाखाकार हो और शनि की अंगुली लंबी हो तो मकान का दरवाजा कम आबादी की ओर होता है। हाथ कठोर और निम्न स्तर का हो, अंगूठा कम खुलता हो तथा मस्तिष्क रखाो दोषपूर्ण हो तो निवास स्थान छाटो तथा गंदी जगह पर होता है। मस्तिष्क रेखा या उसकी शाखा चंद्रमा पर जाती हो तो मकान किसी जलाशय (कुआं, बावडी, तालाब या नहर) के पास होता है।

 जीवन रेखा में त्रिकोण हो और एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों तो ऐसे व्यक्ति खुले-स्थान में मकान, बंगला, फ्लैट आदि बनाते हैं। एक से अधिक भाग्य रेखाएं हां,े जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा शनि की अंगुली लंबी हो तो ऐसे व्यक्तियों के मकान में पार्क या बगीचा होता है। एक से अधिक भाग्य रखाोएं हा,े जीवन रेखा में त्रिकोण हो तथा मुखय भाग्य रेखा चंद्रमा के पर्वत से निकली हो तो मकान या बंगले में कोई जलाशय (स्वीमिगं पलू ) या नहाने का हौज हातो है।

 जिस आयु में भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा के किसी त्रिकोण से निकलती हो, उसी आयु में मकान या संपत्ति बनाते हैं या पुरानी संपत्ति में फेरबदल या विस्तार करते हैं। मोटी भाग्य रेखा वालों का मकान किसी पेड़ के नीचे या बड़े मकान की छाया में अथवा गली में होता है। जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा का जोड़ लंबा, जीवन रेखा टूटी हुई और मस्तिष्क रेखा दोषपूर्ण हो तो निवास स्थान के पास वातावरण गंदा होता है।

 यदि मस्तिष्क रेखा या उसकी शाखा चंद्रमा पर जाती हो, भाग्य रेखा भी चंद्रमा से निकलती हां,े तो निवास स्थान समुद ्र या झील या नदी के किनारे हातो है। अंगुलियां छाटेी और पतली हां,े जीवन रेखा गोलाकार हो, मस्तिष्क रेखा अच्छी हो तो ऐसे व्यक्ति मकान बना लेते हैं।

 जीवन रखे ाा जिस आयु तक दाषेपूर्ण रहती है उस आयु तक व्यक्ति को रहने के मकान की कमी खटकती है। जीवन रेखा गोलाकार हो और मस्तिष्क रखाो शाखान्वित हो तो मकान स्वतंत्र खुली जगह में सुंदर और सुविधाओं से युक्त होता है।

No comments:

Post a Comment

Apne email id se login kare aur apna question puchhe

WorldGujjars © 2014. All Rights Reserved | Powered By Blogger | Blogger Templates

Designed by- Dapinder