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Saturday, 5 November 2016

* प्रकाश का अपवर्तन

* प्रकाश का अपवर्तन
प्रकाश का अपवर्तन : जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। प्रकाश के किरण को अपने मार्ग से विचलीत हो जाना प्रकाश का अपवर्तन कहलाता हैं ।
प्रकाश का अपवर्तन सिर्फ पारदर्शी पदार्थों से ही होता है | जैसे शीशा, वायु, जल आदि |
प्रकाश के अपवर्तन का कारण : अपवर्तन प्रकाश के एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे में प्रवेश करने पर प्रकाश की चाल में परिवर्तन के कारण होता है।
प्रकाश का अपवर्तन का नियम:
* प्रकाश का अपवर्तन के नियम दो हैं |
1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा आपतन बिन्दु पर अभिलंब तीनों एक ही तल में होते हैं ।
2. जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (i) की ज्या  (sine) तथा  अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता हैं ।
स्नेल का अपवर्तन का नियम (Snell's the law of Refraction) : जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (i) की ज्या  (sine) तथा  अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक होता हैं । इस नियम को स्नेल का अपवर्तन नियम भी कहते  हैं |
* अपवर्तन के समय प्रकाश का मार्ग :
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम (विरल) से दूसरे माध्यम (सघन) मे जाती हैं तो यह अभिलंब की ओर मुड जाती हैं । जब यही प्रकाश की किरण सघन से विरल की ओर जाती हैं तो अभिलंब से दूर भागती हैं।
सघन माध्यम (Denser Medium): वह माध्यम जिसका अपवर्तनांक अधिक होता है वह सघन माध्यम कहलाता है | इस माध्यम के कण अधिक घने (dense) होते हैं |
विरल माध्यम (Rarer Medium): वह माध्यम जिसका अपवर्तनांक कम होता है वह विरल माध्यम कहलाता है | इस माध्यम के कणों का घनत्व कम होता है |
किसी माध्यम का सघन और विरल होना दो माध्यमों में बीच तुलनात्मक अध्ययन है | यह निर्भर करता है कि कौन सा माध्यम किस माध्यम के सापेक्ष अधिक सघन है और कौन सा विरल है |
* प्रकाश के अपवर्तन से होने वाली परिघतानाएँ:
1. शीशे के गिलास में रखा पेंसिल या चम्मच मुड़ी हुई नजर आना : जब हम किसी शीशे के गिलास में आधा पानी भरकर उसमें एक पेन्सिल को आंशिक रूप से डुबोते है तो यह मुड़ी हुई नजर आती है |  ऐसा प्रकाश के अपवर्तन के कारण होता है | जल की सतह के अंदर की पेन्सिल जो सीधी होनी चहिये मुड़ी हुई नजर आती है | यहाँ प्रकाश के अपवर्तन का वही नियम लागु होता है कि जब कोई प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में प्रवेश करती है तो अभिलंब की ओर मुड़ (झुक) जाती है | 
2. शीशे के गिलास में रखा सिक्का उठा हुआ नजर आना :
ऐसे ही जब हम कोई सिक्का पानी से भरे गिलास में रखते है तो देखते हैं कि सिक्का उठा हुआ नजर आता है ये घटना भी प्रकाश के अपवर्तन के कारण ही होता हैं | अत: यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रकाश के अपवर्तन के कारण सिक्का अपनी वास्तविक स्थिति से थोड़ा-सा ऊपर उठा हुआ प्रतीत होता है।
दूसरा उदाहरण है काँच के बर्तन में रखा निम्बू अपने वास्तविक आकार से बड़ा नजर आता है |
अलग-अलग द्रव्यों (liquids) में पेन्सिल की अथवा प्रकाश का झुकाव अलग-अलग होता है |
जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में तिरछा होकर जाता है तो दूसरे माध्यम में इसके संचरण की दिशा परिवर्तित हो जाती है।
* अपवर्तनांक (Refractive Index) :
जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती  हैं तो यह अपने मार्ग से विचलीत हो जाती हैं। ये विचलन माध्यम और उस माध्यम में प्रकाश की चाल पर निर्भर करता हैं । अतः अपवर्तनांक माध्यमों में प्रकाश की चालों का अनुपात होता है।
"जब प्रकाश की किरण किन्हीं दो माध्यमों के सीमा तल पर तिरछी आपतित होती हैं तो आपतन कोण (i) की ज्या  (sine) तथा  अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात एक नियतांक (स्थिरांक) होता हैं । इसी स्थिरांक के मान को पहले माध्यम के सापेक्ष दुसरे माध्यम का अपवर्तनांक (refractive index) कहते हैं |
प्रकाश की चाल और अपवर्तनांक : किसी भी माध्यम में प्रकाश की चाल उसके अपवर्तनांक पर निर्भर करता है | माध्यम का 

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