* मादा जनन तंत्र (Female Reproductive System) :
मादा जनन तंत्र में तीन प्रमुख जननांग हैं |
(1) अंडाशय (Ovary)
(2) अंडवाहिका (fallopiun tube)
(3) गर्भाशय (Uterus)
(1) अंडाशय (Ovary) : यह मादा जनन अंगों में से प्रमुख अंग है |
इसके कार्य क्षेत्र में भी वृषण की तरह दो भाग होते हैं, एक भाग जो मादा जनन-कोशिका अर्थात अंडाणु का निर्माण करता है और दूसरा अंत:स्रावी ग्रंथि (endocrine gland) भाग जो लिंग हार्मोन एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन का स्राव करता है | अंडाणु का निर्माण अंडाशय के फोलिकल्स से होता है | एक मादा में दो अंडाशय होते है जो दोनों गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते हैं | दोनों अंडाशय में असंख्य फोलिकल्स होते है जिसमें अपरिपक्व (Imatured) अंडाणु होते है | वह अंडाणु जो परिपक्व हो चूका होता है समान्यत: 28 दिन में अंडाशय से निकलता है और अंडवाहिनी से होकर गर्भाशय तक पहुँचता है |
* अंडाशय का कार्य:
(i) मादा जनन-कोशिका अर्थात अंडाणु का निर्माण करता है |
(ii) मादा लिंग हार्मोन एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन का स्राव करता है |
* लिंग हार्मोन एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्ट्रोन का कार्य :
(i) मादा में लैंगिक परिवर्तन के उत्तरदायी होते हैं |
(ii) अण्डोत्सर्ग (Releasing of eggs) को नियंत्रित करते हैं |
(2) अंडवाहिका (fallopiun tube) : अंडवाहिका मादा जनन अंग का एक नलिकाकार भाग हैं जो गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होते है | ये अंडाणुओं का वहन करता है अर्थात यह अंडाणुओं के गर्भाशय तक पहुँचने का मार्ग है | निषेचन की प्रक्रिया भी फेलोपियन ट्यूब (अंडवाहिनी) में ही होता है |
(3) गर्भाशय (Uterus) : दोनों अंडवाहिकाएँ संयुक्त होकर एक लचीली थैलेनुमा संरचना का निर्माण करती हैं जिसे गर्भाशय कहते हैं। गर्भाशय ग्रीवा द्वारा योनि में खुलता है।
* गर्भाशय का कार्य :
(i) निषेचित अंड अथवा युग्मनज गर्भाशय में स्थापित होता है |
(ii) भ्रूण का विकास गर्भाशय में ही होता है |
(iii) प्लेसेंटा का रोपण गर्भाशय में होता है |
अपरा या प्लेसेंटा (placenta) : भ्रूण को माँ के रुधिर से ही पोषण मिलता है, इसके लिए एक विशेष संरचना होती है जिसे प्लैसेंटा कहते हैं।
यह एक तश्तरीनुमा संरचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धँसी होती है। इसमें भ्रूण की ओर के ऊतक में प्रवर्ध होते हैं। माँ के ऊतकों में रक्तस्थान होते हैं जो प्रवर्ध को आच्छादित करते हैं। यह माँ से भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानांतरण हेतु एक बृहद क्षेत्र प्रदान करते हैं। विकासशील भ्रूण द्वारा अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न होते हैं जिनका निपटान उन्हें प्लैसेंटा के माध्यम से माँ के रुधिर में स्थानांतरण द्वारा होता है।
No comments:
Post a Comment
Apne email id se login kare aur apna question puchhe