* परितंत्र
जैव निम्नीकरनीय पदार्थों के गुण :
(i) ये पदार्थ सक्रीय होते हैं |
(ii) इनका जैव अपघटन होता है |
(iii) ये बहुत कम ही समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं |
(iv) ये पर्यावरण को अधिक हानि नहीं पहुँचाते हैं |
* जैव अनिम्नीकरनीय पदार्थों के गुण :
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(i) ये पदार्थ अक्रिय (Inert) होते हैं |
(ii) इनका जैव अपघटन नहीं होता है |
(iii) ये लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं |
(iv) ये पर्यावरण के अन्य पदार्थों को हानि पहुँचाते हैं |
परितंत्र : किसी भी क्षेत्र के जैव तथा अजैव घटक मिलकर संयुक्त रूप से एक तंत्र का निर्माण करते हैं जिन्हें परितंत्र कहते है |
जैसे – बगीचा, तालाब, झील, खेत, नदी आदि |
उदाहरण के लिए बगीचा में हमें विभिन्न जैव घटक जैसे – घास, वृक्ष, पौधे, विभिन्न फूल आदि मिलते है वही जीवों के रूप में मेंढक, कीट, पक्षी जैसे जीव होते है, और अजैव घटक वहाँ का वायु, मृदा, ताप आदि होते हैं | अत: बगीचा एक परितंत्र है |
जैव घटक : किसी भी पर्यावरण के सभी जीवधारी जैसे – पेड़-पौधे एवं जीव-जन्तु जैव घटक कहलाते हैं |
अजैव घटक : किसी परितंत्र के भौतिक कारक जैसे- ताप, वर्षा, वायु, मृदा एवं खनिज इत्यादि अजैव घटक कहलाते हैं |
* परितंत्र दो प्रकार के होते है :
(i) प्राकृतिक परितंत्र : वन, तालाब नदी एवं झील आदि प्राकृतिक परितंत्र हैं |
(ii) कृत्रिम परितंत्र : बगीचा, खेत आदि कृत्रिम अर्थात मानव निर्मित परितंत्र हैं |
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