* प्रकाश के प्रकीर्णन से होने वाली परिघटनाएं :
1. स्वच्छ आकाश का नीला दिखाई देना :
जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, वायु के सूक्ष्म कण लाल रंग की अपेक्षा नीले रंग (छोटी तरंगदैर्घ्य) को अधिक प्रबलता से प्रकीर्ण करते हैं। प्रकीर्णित हुआ नीला प्रकाश हमारे नेत्रों में प्रवेश करता है। तो हमें आकाश नीला दिखाई देता है |
2. अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश काला दिखाई देना :
जहाँ वायुमंडल नहीं है वहाँ कण नहीं जहाँ कण नहीं वहाँ प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं | यदि हमारी पृथ्वी पर वायुमंडल न होता तो कोई प्रकीर्णन न हो पाता | तब पृथ्वी से भी आकाश काला ही प्रतीत होता है | अत्याधिक ऊँचाई पर वायुमंडल नहीं होने के कारण प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं हो पाता है जहाँ प्रकीर्णन नहीं होता है वहाँ प्रकाश का मार्ग दिखाई नहीं देता, काला दिखाई देता है | यही कारण है कि अंतरिक्ष यात्रियों को आकाश काला दिखाई देता है |
3. गहरे समुद्र का जल का रंग नीला दिखाई देना :
जब सूर्य का प्रकाश समुद्र के तल पर पड़ता है तो समुद्र का जल नीले रंग की अपेक्षा लाल, पीला संतरी आदि रंगों को अधिक तेजी से सोंखता है और अधिकांश नीले रंग वापस आ जाता है अर्थात नीले रंग का प्रकीर्णन हो जाता है | यही कारण है कि समुद्र का जल नीला दिखाई देता है |
4. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य का रक्ताभ दिखाई देना :
क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुजरता है | जब सूर्य सिर से ठीक ऊपर हो तो सूर्य से आने वाला प्रकाश बहुत कम दुरी तय करता है, यह तब होता है जब सूर्य क्षितिज पर हो | क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसीलिए, हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्घ्य का होता है अर्थात लाल रंग का होता है | यही कारण है कि सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
खतरे के सिग्नल में लाल रंग का उपयोग : लाल रंग तरंगदैर्ध्य अन्य रंगों की तुलना में अधिक होता है | लाल रंग का तरंगदैर्ध्य नीले रंग की अपेक्षा लगभग 1.8 गुना अधिक होता है | लाल रंग कुहरे या धुंएँ से सबसे कम प्रकीर्ण होता है और तरंगदैर्ध्य अधिक होने के कारण इस रंग का प्रकाश अधिक दूर तक जाता है | यह दूर से देखने पर भी लाल रंग का ही दिखाई देता है |
नोट: जिन वर्णों का प्रकीर्ण हो जाता है वह वर्ण दिखाई नहीं देता है और जिस वर्ण का प्रकीर्णन नहीं होता है वह बना रहता है और दिखाई देता है |
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