* लैंगिक जनन (Sexual Reproduction) :
जनन की वह विधि जिसमें नर एवं मादा दोनों भाग लेते हैं | लैंगिक जनन कहलाता है |
दुसरे शब्दों, जनन की वह विधि जिसमें नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडाणु) भाग लेते है, लैंगिक जनन कहलाता है |
निषेचन (Fertilisation): नर युग्मक (शुक्राणु) और मादा युग्मक (अंडाणु) के संलयन को निषेचन कहते है |
नर युग्मक : गतिशील जनन-कोशिका को नर युग्मक कहते है |
मादा युग्मक : जिस जनन कोशिका में भोजन का भंडार संचित होता है उसे मादा युग्मक कहते हैं |
* लैंगिक जनन के लाभ :
लैगिंक उच्च विकसित प्रक्रिया है तथा इसके अलैगिक जनन की तुलना में अनेक लाभ है।
(i) लैंगिक जनन, संततियों में गुणों को बढावा देता है क्योंकि इसमें दो भिन्न तथा लैंगिक असमानता वाले जीवों से आयें युंग्मकों का संलयन होता है।
(ii) लैंगिक जनन में वर्णो के नए संयोजन के अवसर होता है।
(iii) यह नई जातियों की उत्पति में महत्वपूर्ण भुमिका निभाता है।
(iv) इस जनन द्वारा उत्पन्न जीवों में काफी विभिन्नताएँ होती है |
इस विधि से उत्पन्न संतति शारीरिक रूप से जनक से भिन्न होते है परन्तु डीएनए स्तर पर समान होते हैं |
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