* ऊर्जा संरक्षण का नियम:
ऊर्जा संरक्षण के नियम के अनुसार ऊर्जा का नहीं तो सृजन किया जा सकता है और नहीं इसका विनाश किया जा सकता है, इसे सिर्फ एक रूप से दुसरे रुप में रूपांतरित किया जा सकता है |
* मुख्य बिंदु :
•किसी भौतिक अथवा रासायिनक प्रक्रम के समय कुल ऊर्जा संरक्षित रहती है |
•ऊर्जा के विविध रूप हैं तथा ऊर्जा के एक रूप को दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है | उदाहरण के लिए, यदि हम किसी प्लेट को ऊँचाई से गिराए तो प्लेट कि स्थितिज ऊर्जा का अधिकांश भाग फर्श से टकराते समय ध्वनि ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है |
•यदि हम किसी मोमबती को जलाते हैं तो यह प्रक्रम अत्यधिक ऊष्माक्षेपी होती है और इस प्रकार्जलाने पर मोमबती की रासायनिक ऊर्जा, उष्मीय ऊर्जा तथा प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित हो जाता है |
•प्रयोज्य रूप (usable form) में उपलब्ध ऊर्जा चारो ओर के वातावरण में अपेक्षाकृत कम प्रयोज्य रूप में क्षयित हो जाती है | अत: कार्य करने के लिए जिस किसी ऊर्जा के स्रोत का उपयोग करते हैं वह उपभुक्त हो जाता है और पुन: उसका उपयोग नहीं किया जा सकता |
उत्तम ईंधन: वह ईंधन जो प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान पर अधिक कार्य करे, सरलता से सुलभ हो एवं जिसका परिवहन आसान हो उत्तम ईंधन कहलाता है |
* एक उत्तम ईंधन के गुण :
(i) कम प्रदूषक हो |
(ii) प्रति एकांक आयतन अथवा प्रति एकांक द्रव्यमान पर अधिक कार्य करने वाला हो |
(iii) जो सरलता से सुलभ हो |
(iv) जिसका भडारण एवं परिवहन आसान हो |
(v) जो सस्ता हो |
* उपलब्धता के आधार पर ऊर्जा के स्रोत के प्रकार:
(1) नवीकरणीय स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जो असीमित मात्रा में उपलब्ध है एवं जिनका उत्पादन और उपयोग सालों-साल किया जा सके ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत कहलाते हैं | जैसे - हवा, जल, बायो-मास, सौर ऊर्जा,महासागरीय ऊर्जा आदि |
(2) अनवीकरणीय स्रोत : ऊर्जा के वे स्रोत जो समाप्य हैं, जो सिमित मात्रा में उपलब्ध है एवं जिनका उपयोग लंबे समय तक नहीं किया जा सके ऊर्जा के अनवीकरणीय स्रोत कहलाते है | जैसे - कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि |
* नवीकरणीय स्रोत एवं अनवीकरणीय स्रोत में अंतर:
नवीकरणीय स्रोत :- 1. वे स्रोत जो असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं |
नवीकरणीय स्रोत :- 2. इनका उत्पादन एवं उपयोग वर्षो-वर्षों तक किया जा सकता है |
नवीकरणीय स्रोत :- 3. ये समाप्य स्रोत नहीं है |
नवीकरणीय स्रोत :- 4. उदाहरण : हवा, जल, बायो-मास, सौर ऊर्जा, महासागरीय तरंग आदि |
अनवीकरणीय स्रोत :-1. वे स्रोत जो सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं |
अनवीकरणीय स्रोत :-2. इनका उत्पादन एवं उपयोग वर्षो-वर्षों तक नहीं किया जा सकता है |
अनवीकरणीय स्रोत :-3. ये समाप्य स्रोत है |
अनवीकरणीय स्रोत :-4. उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस आदि |
* उपयोग के आधार पर ऊर्जा के स्रोत:
(I) ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत :
(II) ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत :
(I) ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत :
ऊर्जा के वे स्रोत जो लम्बे समय से उपयोग में लाया जा रहा है | ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत कहलाते है |
* ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत निम्नलिखित हैं |
1. जीवाश्मी ईंधन
2. तापीय विद्युत संयंत्र
3. जल विद्युत संयंत्र
4. जैव-मात्रा (बायो-मास)
5. पवन ऊर्जा
(II) ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत :
ऊर्जा के वे स्रोत जिनका उपयोग हाल के दिनों से वैकल्पिक स्रोत के रूप में किया जा रहा है ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत कहलाते हैं |
* ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत या वैकल्पिक स्रोत निम्नलिखित हैं |
1. सौर ऊर्जा
2. समुद्रो से प्राप्त ऊर्जा
(a) ज्वारीय ऊर्जा
(b) तरंग ऊर्जा
(c) महासागरीय तापीय ऊर्जा
3. भूतापीय ऊर्जा
4. नाभकीय ऊर्जा
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