* आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृति:
संयोजकता: किसी तत्व के परमाणु के सबसे बाहरी कोशों में उपस्थित संयोजी इलेक्ट्रोनों की संख्या को संयोजकता कहते हैं |
परमाणु साइज़ : एक स्वतंत्र परमाणु के केंद्र से उसके सबसे बाहरी कोश की दूरी ही परमाणु के साइज़ को दर्शाती है। परमाणु की साइज़ को मापने के लिए उसकी त्रिज्या को मापा जाता है |
परमाणु की त्रिज्या को पिकोमीटर pm में मापा जाता है |
1 pm = 10-12 m होता है |
हाइड्रोजन परमाणु की त्रिज्या 37 पिकोमीटर होता है |
कुछ अन्य तत्वों का परमाणु त्रिज्या:
तत्व (प्रतिक) परमाणु त्रिज्या
लिथियम (Li) 152 pm
बेरेलियम (Be) 111 pm
बोरोन (B) 88 pm
ऑक्सीजन (O) 66 pm
नाइट्रोजन (N) 74 pm
कार्बन (C) 77 pm
सोडियम (Na) 86 pm
* आधुनिक आवर्त सारणी के गुण :
(i) आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है। नाभिक में आवेश के बढ़ने से यह इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर खींचता है जिससे परमाणु का साइज़ घटता जाता है।
(ii) समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का साइज़ बढ़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नीचे जाने पर एक नया कोश जुड़ जाता है। इससे नाभिक तथा सबसे बाहरी कोश के बीच की दूरी बढ़ जाती है और इस कारण नाभिक का आवेश बढ़ जाने के बाद भी परमाणु का साइज़ बढ़ जाता है।
(iii) आवर्त में जैसे-जैसे संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर किया जाने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घट जाती है।
(iv) समूह में नीचे की ओर, संयोजकता इलेक्ट्रॉन पर क्रिया करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं।
(v) आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर धात्विक लक्षण घटता है और समूह में नीचे जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है |
(vi) आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर इलेक्ट्रान त्यागने की प्रवृति घटती जाती है और इलेक्ट्रान ग्रहण करने की प्रवृति बढ़ती जाती है |
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