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Saturday 22 October 2016

* उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralisation Reaction):

* उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralisation Reaction):

अम्ल और क्षारक की आपसी अभिक्रिया से लवण और जल का निर्माण होता है इस प्रकार की अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं |

The reaction between an acid and a base to give a salt and water is known as a neutralisation reaction.

उदासनिकरण अभिक्रिया को समान्य सूत्र में इस प्रकार से लिखा जाता है :

क्षारक    +    अम्ल        →      लवण     +     जल
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* धातु एवं क्षारक की अभिक्रिया (Reaction with bases and Metals):

* धातु एवं क्षारक की अभिक्रिया (Reaction with bases and Metals):

क्षारक धातुओं से अभिक्रिया कर संगत धातु का लवण और हाइड्रोजन गैस बनाते हैं |

सोडियम हाइड्रोऑक्साइड  जिंक के साथ अभिक्रिया कर सोडियम ज़िन्केट और हाइड्रोजन गैस देता है |

2NaOH(aq)    +     Zn(s)    →     Na2 ZnO2(aq)    +     H2(g)  

(सोडियम हाइड्रोऑक्साइड)     (जिंक)       (सोडियम ज़िन्केट)       (हाइड्रोजन गैस)

सोडियम हाइड्रोऑक्साइड  एल्युमुनियम के साथ अभिक्रिया कर सोडियम एलुमिनेट और हाइड्रोजन गैस देता है |

2NaOH(aq)    +     2 Al (s)  +  2H2O     →     2 NaAlO2(aq)    +   2H2(g)  

(सोडियम हाइड्रोऑक्साइड)   (एल्युमीनियम)  (जल)     (सोडियम एलुमिनेट)       (हाइड्रोजन गैस)  ( function() { if (window.CHITIKA === undefined) { window.CHITIKA = { 'units' : [] }; }; var unit = {"calltype":"async[2]","publisher":"nikhil944","width":550,"height":250,"sid":"Chitika Default"}; var placement_id = window.CHITIKA.units.length; window.CHITIKA.units.push(unit); document.write('
'); }()); >
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* धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट और अम्ल की अभिक्रिया :

* धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट और अम्ल की अभिक्रिया :

समान्य सूत्र (General Formulla);

धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट (बाईकार्बोनेट)  + अम्ल → लवण  +   कार्बनडाइऑक्साइड  +   जल

उदाहरण:

सोडियम बाईकार्बोनेट, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अभिक्रिया कर सोडियम क्लोराइड, कार्बन डाइऑक्साइड, और जल बनाता है |  

NaHCO3        +      2HCl     →      NaCl      +    CO2   +     H2O

(सोडियम बाईकार्बोनेट)   (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)    (सोडियम क्लोराइड)   (कार्बन डाइऑक्साइड)     (जल)
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* धातु कार्बोनेट/धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अम्ल की अभिक्रिया

* धातु कार्बोनेट/धातु हाइड्रोजनकार्बोनेट के साथ अम्ल की अभिक्रिया

चूनापत्थर, चाक और संगमरमर कैल्शियम कार्बोनेट के विभिन्न रूप है | सभी धातु कार्बोनेट और हाइड्रोजनकार्बोनेट अम्ल के साथ अभिक्रिया कर संगत लवण, कार्बन डाइऑक्साइड और जल प्रदान करता है |

इस अभिक्रिया का समान्य रूप इस प्रकार है :

धातु कार्बोनेट + अम्ल  → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल

उदाहरण:

कैल्शियम क्लोराइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर कैल्शियम क्लोराइड, कार्बन डाइऑक्साइड और जल प्रदान करता है |

CaCO3     +      2HCl     →     CaCl2    +      CO2      +      H2O

(कैल्शियम कार्बोनेट)         (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)       (कैल्शियम क्लोराइड)  (कार्बन डाइऑक्साइड)   (जल)

नाइट्रिक अम्ल, सोडियम कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया कर सोडियम नाइट्रेट, कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनाता है |

2NHO3    +   Na2CO3    →    NaNO3    +     CO2    +       2H2O

(नाइट्रिक अम्ल)        (सोडियम कार्बोनेट )       (सोडियम नाइट्रेट)    सोडियम कार्बोनेट  +  हाइड्रोक्लोरिक अम्ल →  सोडियम क्लोराइड + कार्बन डाइऑक्साइड   +  जल

कैल्शियम कार्बोनेट + सल्फ्यूरिक अम्ल   →  कैल्शियम सल्फेट  + कार्बन डाइऑक्साइड   +  जल
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* हाइड्रोजन गैस की जाँच (Testing of Hydrogen Gas):

* हाइड्रोजन गैस की जाँच (Testing of Hydrogen Gas):

जब हम किसी धातु का किसी अम्ल से अभिक्रिया कराते है तो यह संगत लवण और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है | अभिक्रिया के इस अवधि के दौरान, जब हम एक जलती हुई मोमबत्ती इस गैस के पास ले जाते है तो यह पॉप ध्वनि उत्पन्न होती है | पॉप ध्वनि यह बताती है कि उत्पन्न गैस हाइड्रोजन है | 
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अम्ल की धातु धातु से अभिक्रिया (Reaction with acids and metals):

अम्ल की धातु धातु से अभिक्रिया (Reaction with acids and metals):

अम्ल धातु से अभिक्रिया कर संगत धातु की लवण और हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है :

अम्ल          +              धातु       →             लवण           +         हाइड्रोजन गैस

जिंक के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक क्लोराइड और हाइड्रोजन गैस बनता है |

2 HCl       +       Zn     →     ZnCl2     +        H2

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल       जिंक             जिंक क्लोराइड                    हाइड्रोजन गैस'

सोडियम के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से सोडियम क्लोराइड और हाइड्रोजन गैस बनता है |

2 HCl     +       2 Na     →     2NaCl      +      H2

हाइड्रोक्लोरिक अम्ल        सोडियम               सोडियम क्लोराइड                हाइड्रोजन गैस
( function() { if (window.CHITIKA === undefined) { window.CHITIKA = { 'units' : [] }; }; var unit = {"calltype":"async[2]","publisher":"nikhil944","width":550,"height":250,"sid":"Chitika Default"}; var placement_id = window.CHITIKA.units.length; window.CHITIKA.units.push(unit); document.write('
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धातु जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया से जिंक सल्फेट और हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है |

H2 SO4   +     Zn      →     ZnSO4     +      H2

सल्फ्यूरिक अम्ल          जिंक       जिंक सल्फेट       हाइड्रोजन गैस  
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* संसूचक :

* संसूचक :

वे पदार्थ जो अपने रंग में परिवर्तन कर दुसरे पदार्थों के साथ अम्लीय या क्षारकीय व्यवहार करते हैं उन्हें संसूचक कहा जाता है |

संसूचक के प्रकार : वैसे तो संसूचक बहुत प्रकार के होते है | परन्तु इनके समान्य प्रकार इस प्रकार है :

(i) प्राकृतिक संसूचक (Natural Indicator) : वे सूचक जो प्राकृतिक स्रोतों के प्राप्त होते है प्राकृतिक संसूचक कहलाते है | जैसे - लिटमस, हल्दी, चाइना रोज, लाल गोभी आदि |

लिटमस : लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलाफाइटा समूह के लाईकेन (Lichen) के पौधे से निकला जाता है | लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है न ही क्षारकीय, तब इसका रंग बैगनी होता है |

लिटमस पत्र : लिटमस पत्र दो रंगों का होता है -

नीला एवं लाल |

अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता  है जबकि क्षार लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है |

हल्दी :  हल्दी भी एक अन्य प्रकार का प्राकृतिक सूचक है | यह पीला रंग का होता है, कई बार आपने देखा होगा जब किसी सफ़ेद कपड़ों पर सब्जी का दाग लग जाता है और जब इसे साबुन (क्षारीय प्रकृति) से धोते है तो यह उस दाग के धब्बे को भूरा-लाल कर देता है |

अम्ल के साथ हल्दी के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है |

क्षारक के साथ इसका रंग भूरा-लाल हो जाता है |

(ii) संश्लेषित संसूचक (Synthetic Indicator) : ये वे सूचक है जो प्राकृतिक नहीं होते अपितु ये रसायनिक पदार्थों द्वारा बनाए गए होते है | जैसे - मेथिल ऑरेंज एवं फिनोल्फ्थेलीन आदि | इनका उपयोग अम्ल एवं क्षारक की जाँच के लिए होता है |

(iii) गंधीय संसूचक (Olfactory Indicator): कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है | ऐसे पदार्थों को गंधीय (Olfactory) सूचक कहते हैं | जैसे - वैनिला, प्याज एवं लौंग आदि |

(iv) सार्वत्रिक सूचक (Universal Indicator) : सार्वत्रिक सूचक अनेक सूचकों का मिश्रण होता है | लिटमस, मेथिल ऑरेंज एवं फिनोल्फ्थेलीन आदि जैसे सूचकों के उपयोग से किसी विलयन के केवल अम्लीय या क्षारीय प्रकृति का ही पता लगाया जा सकता है परन्तु इस सार्वत्रिक सूचक के प्रयोग से अम्ल या क्षारक की प्रकृति के साथ-साथ उनकी प्रबलता की माप का माप भी बताता है 
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